नई दिल्ली: देश के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद उनकी संपत्ति को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं कि उनकी 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति किसे मिलेगी। हाल ही में सामने आई उनकी वसीयत से पता चला है कि रतन टाटा ने अपनी संपत्ति में अपने भाई जिमी टाटा, सौतेली बहन शिरीन और डिएना जीजीभॉय के साथ-साथ अपने घरेलू स्टाफ के कुछ लोगों को भी हिस्सा दिया है। इसके अलावा, टाटा फाउंडेशन का भी उल्लेख किया गया है।
शांतनु नायडू को क्या मिला: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन ने अपने करीबी सहयोगी शांतनु नायडू को भी अपनी वसीयत में शामिल किया है। उन्होंने नायडू के वेंचर ‘गुडफेलो’ में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है और नायडू के शिक्षा के लिए लिया गया कर्ज भी माफ कर दिया है। ‘गुडफेलो’ एक सदस्यता-आधारित सेवा है जो 2022 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई थी।
कौन हैं शांतनु नायडू: कॉर्नेल विश्वविद्यालय से एमबीए करने वाले शांतनु नायडू रतन टाटा के बेहद करीबी माने जाते हैं। वह 2017 से टाटा ट्रस्ट से जुड़े हुए हैं और टाटा समूह में काम करने वाली अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी से हैं।
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में चैरिटेबल ट्रस्ट्स को प्राथमिकता दी है, जिसमें टाटा ट्रस्ट के शेयरों को रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को ट्रांसफर किया जाएगा।
रतन टाटा की संपत्ति: रतन टाटा लगभग 10,000 करोड़ रुपये की संपत्ति, अलीबाग में एक बंगला, मुंबई के जुहू में दो मंजिला मकान, 350 करोड़ की एफडी, टाटा संस में 0.83% हिस्सेदारी और करीब 20-30 गाड़ियों के मालिक थे।
डॉग टीटो का ध्यान रखा गया: रतन टाटा ने अपने जर्मन शेफर्ड डॉग टीटो की देखभाल की जिम्मेदारी अपने रसोइए राजन शॉ को सौंपी है और इसके लिए अच्छी-खासी राशि छोड़ी है। इसके अलावा, उन्होंने अपने लंबे समय से वफादार बटलर सुब्बैया के लिए भी संपत्ति का हिस्सा छोड़ा है।
रतन टाटा का 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में निधन हुआ।
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